Sheetala Mata Mantra शीतला माता मंत्र पढ़ें सभी रोगों का होगा अंत : हिंदू पंचांग के अनुसार शीतला सप्तमी दो विशेष समयावधि में मनाई जाती है। यह चैत्र मास की कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि और फिर दूसरी श्रावण मास की शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि के दिन मनाई जाती है। हम यंहा आपको शीतला माता मंत्र के बारे बताने जा रहे हैं इसके बारे में बताने जा रहे हैं। हमारे द्वारा बताये जा रहे Sheetala Mata Mantra को पढ़कर आप भी शीतला माता मंत्र के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
हमारे द्वारा बताई जा रही इस जानकारी को ध्यानपूर्वक धीरे धीरे से पढ़ें, जिससे आपके मन में इस पोस्ट को लेकर किसी भी प्रकार की कोई शंका ना रहे जाये। और यदि आपके मन में इस पोस्ट को लेकर कोई प्रशन हैं। तो आप हमें पोस्ट के नीचे जाकर कमेंट करके अपना प्रशन पूछ सकते हैं आपको वहां जवाब दे दिया जायेगा। धन्यवाद जय श्री राम
Sheetala Mata Mantra शीतला माता मंत्र पढ़ें सभी रोगों का होगा अंत
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शीतला माता मंत्र
”शीतले त्वं जगन्माता शीतले त्वं जगत्पिता।
शीतले त्वं जगद्धात्री शीतलायै नमो नमः।।
अर्थात – हे देवी शीतला! आप ही इस संसार की आदि माता हैं, आप ही पिता हैं और आप ही इस चराचर जगत को धारण करतीं हैं, अतः आप को बारंबार नमस्कार है।
बताये गये इस शीतला माता मंत्र का जाप करने से जातक की हर तरह की मनोकामना पूरी होती हैं। और जातक के कुल में अगर कोई असाध्य रोगों से पीड़ित हो, तो माता शीतला जी के आशीर्वाद से वह सभी रोग दूर हो जाते हैं।
शीतला माता मंत्र
”ॐ ह्रीं श्रीं शीतलायै नमः”
ऊपर बताये शीतला माता मंत्र का देवी शीतला की नित्य आराधना करते समय जाप करने से आपके ऊपर माँ की कृपा बनी रहती है और आपके घर-परिवार की सभी विपत्तियों का नाश करती हैं। साथ ही यह देवी शीतला माता का पौराणिक मंत्र हैं इसलिए इसका जाप से सभी संकटों से मुक्ति मिलती है और समाज में मान-सम्मान, पद और गरिमा की भी वृद्धि होती है।
ध्यान शीतला माता मंत्र
ध्यायामि शीतलां देवीं, रासभस्थां दिगम्बराम्।
मार्जनी-कलशोपेतां शूर्पालङ्कृत-मस्तकाम्।।
शीतला माता मंत्र
‘वन्देऽहं शीतलां देवीं रासभस्थां दिगम्बरराम्,
मार्जनीकलशोपेतां शूर्पालंकृतमस्तकाम्।’
बताये गये इस शीतला माता मंत्र का जाप शीतला सप्तमी और अष्टमी व्रत पूजा में किया जाता हैं। इस मंत्र के जाप करने से जातक हमेशा निरोग रहता हैं । साथ ही इस मंत्र का संताष्टमी वाले दिन व्रत करके भगवान श्रीकृष्ण और माता देवकी का विधिवत पूजा करके मध्य-काल में सात्विक पदार्थों का भोग लगाना चाहिए। ऐसा करने से पुण्य ही नहीं मिलता बल्कि समस्त दुखों का भी निवारण होता है।
शीतला माता मंत्र
“शीतला: तू जगतमाता, शीतला: तू जगतपिता,
शीतला: तू जगदात्री, शीतला: नमो नम:॥”
इस शीतला माता मंत्र का जाप करना अत्यंत शुभ फलदायी माना जाता है। साथ ही इस मंत्र के जाप करने से व्यक्ति दैहिक तापों ज्वर (तेज़ बुखार), राज्यक्ष्मा, संक्रमण और अन्य विषाणुओं आदि के दुष्प्रभावों से मुक्ति दिलाती हैं। साथ ही शीतला माँ की साधना से शीतला ज्वर, चेचक, कुष्ठ, रोग, दाहज्वर, पीतज्वर, फोड़े और कई तरह के चर्मरोगों आदि से छुटकारा मिलता है।
संदर्भ: इस Sheetala Mata Mantra शीतला माता मंत्र पढ़ें सभी रोगों का होगा अंत की पोस्ट में आपको शीतला माता के कुछ मन्त्रों के बारे में बताया गया हैं। साथ में आपको शीतला माता के मंत्र का जाप करने से होने वाले लाभ के बारे में जानकारी यहां देखने को मिलेगी।