Akshaya Tritiya Ka Mahatva: जानें अक्षय तृतीया क्यों मनाई जाती हैं, जानिए इसका महत्व : अक्षय तृतीया वैशाख शुक्ल तृतीया को मनाई जाती है। अक्षय तृतीया को अखा तीज के नाम से भी जाना जाता है। नारद पुराण के अनुसार, अक्षय तृतीया के दिन व्रत, पूजन व दान करने से सभी पापों का नाश होता है। इस दिन लक्ष्मी जी और विष्णुजी की पूजा करनी चाहिए।
हम यंहा आपको अक्षय तृतीया का महत्व और इस दिन दान करने के लाभ आदि की जानकारी देने जा रहे है । हमारे द्वारा बताये जा रहे अक्षय तृतीया का महत्व Akshaya Tritiya Ka Mahatva Akshaya Tritiya Kyu Manaya Jata Hai को जानकर आप भी अक्षय तृतीया के बारे में सही रूप से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं ।
हमारे द्वारा बताई जा रही इस जानकारी को ध्यानपूर्वक धीरे धीरे से पढ़ें, जिससे आपके मन में इस पोस्ट को लेकर किसी भी प्रकार की कोई शंका ना रहे जाये। और यदि आपके मन में इस पोस्ट को लेकर कोई प्रशन हैं। तो आप हमें पोस्ट के नीचे जाकर कमेंट करके अपना प्रशन पूछ सकते हैं आपको वहां जवाब दे दिया जायेगा। धन्यवाद जय श्री राम
Akshaya Tritiya Ka Mahatva: जानें अक्षय तृतीया क्यों मनाई जाती हैं, जानिए इसका महत्व
जीवन भर के उपाय के साथ बनवाये वैदिक जन्म कुण्डली केवल 500/- रूपये में
10 साल उपाय के साथ बनवाए लाल किताब कुण्डली केवल 500/- रूपये में
अक्षय तृतीया क्यों मनाया जाता हैं?
- Akshaya Tritiya के दिन माँ गंगा का अवतरण धरती पर हुआ था ।
- महर्षी परशुराम का जन्म आज ही के दिन हुआ था ।
- माँ अन्नपूर्णा का जन्म भी आज ही के दिन हुआ था
- द्रोपदी को चीरहरण से कृष्ण ने आज ही के दिन बचाया था ।
- कृष्ण और सुदामा का मिलन Akshaya Tritiya के दिन हुआ था ।
- कुबेर को आज ही के दिन खजाना मिला था ।
- सतयुग और त्रेता युग का प्रारम्भ आज ही के दिन हुआ था ।
- ब्रह्मा जी के पुत्र अक्षय कुमार का अवतरण भी Akshaya Tritiya के दिन हुआ था ।
- प्रसिद्ध तीर्थ स्थल श्री बद्री नारायण जी का कपाट आज ही के दिन खोला जाता है ।
- बृंदावन के बाँके बिहारी मंदिर में साल में केवल Akshaya Tritiya के दिन श्री विग्रह चरण के दर्शन होते है अन्यथा साल भर वो बस्त्र से ढके रहते है ।
- इसी दिन महाभारत का युद्ध समाप्त हुआ था ।
- Akshaya Tritiya अपने आप में स्वयं सिद्ध मुहूर्त है कोई भी शुभ कार्य का प्रारम्भ किया जा सकता है !
अक्षय तृतीया पर दान का महत्व
अक्षय तृतीया को हिन्दू धर्म में बहुत ही महत्त्वपूर्ण माना जाता है। अक्षय का शाब्दिक अर्थ कभी न नष्ट होने वाला है। मान्यता है कि Akshaya Tritiya के दिन ब्राह्मणों व गरीबों को दान देने से जो पुण्य प्राप्त होता है वह अक्षय होता है। इस कारण Akshaya Tritiya को दान का पर्व भी कहा जाता है। निम्न वस्तुओं को दान करने से अनेक शुभ फलों की प्राप्ति होती है :
- अक्षय तृतीया के दिन दान करने से मनुष्य को मृत्यु का भय नहीं सताता।
- Akshaya Tritiya के दिन दान में कपड़े देने से सभी रोगों से छुटकारा मिलता है।
- फल दान करने से सुख- समृद्धि की प्राप्ति होती है।
- दूध, दही, मक्खन आदि का दान करने से बौद्धिक ज्ञान बढ़ता है।
- Akshaya Tritiya के दिन अन्न दान करने से अकाल मृत्यु टल जाती है।
- देवताओं व पूर्वजों की आराधना से दरिद्रता का नाश होता है।
- अक्षय तृतीया वाले दिन दी गई सामग्री को दान करके आप पुण्य कमा सकते हो : जल से भरे घड़े, कुल्हड़, सकोरे, पंखे, खड़ाऊं, छाता, चावल, नमक, घी, खरबूजा, ककड़ी, चीनी, साग, इमली, सत्तू जैसी चीजों का दान करें और पुण्य लाभ अर्जित करें. हिंदू ग्रंथों और शास्त्रों में इसे उत्तम कार्य माना गया है. आप अपने भाग्योदय के लिए Akshaya Tritiya के दिन शंख और मोरपंख भी खरीद सकते हैं।