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Shri Hanuman Jayanti Puja Vidhi हनुमान जयंती पर इस विधि से करें हनुमान जी की पूजा, होगी आपकी सभी मनोकामना पूरी

Shri Hanuman Jayanti Puja Vidhi हनुमान जयंती पर इस विधि से करें हनुमान जी की पूजा, होगी आपकी सभी मनोकामना पूरी : श्री हनुमान जयंती उत्सव चैत्र माह की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि के दिन बनाई जाती है वैसे हनुमान जयंती पर कई लोंगों के कई मत देखने को मिलते है ! क्युकी कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को भी हनुमान जंयती मनाई जाती है श्री हनुमान जी को शिव शंकर जी का ग्यारहवां अवतार माना जाता है ।

हिन्दू मान्यतानुसार रुद्रावतार भगवान श्री हनुमान जी माता अंजनी माँ व पिता वानरराज केसरी के पुत्र है वैसे श्री हनुमान जी के जन्म का वर्णन आपको वायु पुराण में देखने को मिल सकता है हमारे द्वारा बताये जा रहे हनुमान जयंती पूजा विधि Hanuman Jayanti Puja Vidhi को जानकर आप भी हनुमान जयंती वाले दिन श्री हनुमान जी की पूजा विधि सही प्रकार से कर सकते हैं ।

Shri Hanuman Jayanti Puja Vidhi हनुमान जयंती पर इस विधि से करें हनुमान जी की पूजा, होगी आपकी सभी मनोकामना पूरी

हनुमान जयंती 2024 कब है?

इस वर्ष 2024 में श्री हनुमान जयंती अप्रैल महीने की 23 तारीख़, वार मंगलवार के दिन बनाई जा रही हैं ।

हनुमान जयंती पूजा शुभ मुहूर्त 2024

सुबह 09:22 से दोपहर 02:03 तक या

दोपहर 03:38 से सांय 05:11 तक।

आप ऊपर बताये गये Hanuman Jayanti Puja Muhurat पर श्री हनुमान जी की पूजा अर्चना कर सकते हैं ।

हनुमान जयंती पूजा सामग्री

आपको Shri Hanuman Jayanti Puja Vidhi में सिंदूर, चमेली का तेल, घी, धूपबत्ती, बेसन के लड्डू या बूंदी आदि की सामग्री की आवश्यकता होती हैं ।

हनुमान जयंती पूजा विधि

श्री हनुमान जयंती वाले दिन सुबह जल्दी जगकर नित्य कर्म से निवर्त होने के बाद साफ़ कपडे पहने उसके बाद अपने पास वाले श्री हनुमान मंदिर में जाकर श्री हनुमान जी की प्रतिमा को सिंदूर यानी की चोला चढ़ाये ! लाल चंदन से तिलक करें धुप बत्ती व घी या चमेली के तेल का दीपक जलाये उसके बाद श्री हनुमान जी को लड्डू व् बूंदी का भोग लगाये ! एक बात जरुर याद रखें की श्री हनुमान जी की पूजा में ब्रह्मचर्य का विशेष रूप से पालन करना चाहिए ।

श्री हनुमान जी के जन्म की कुछ कथाएं

श्री हनुमान जी को बहुत से नामों से जाना जाता है ! जैसे केसरीनंद, वायुपुत्र, अंजनी सुत, महाबल आदि नाम से जाना जाता है ! यह तो आप सब पहले से जानते है की श्री हनुमान जी की माता अंजना व् पिता केसरी जी थे ! पर वायु देव जी ने माता अंजनी जी के गर्भ में श्री हनुमान जी को भेजा था या यह भी कह सकते है ! की श्री हनुमान जी वायु देव के आशीर्वाद से हुआ था इस कारण श्री हनुमान जी को वायुपुत्र भी कहा जाता है ।

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