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Shailputri Devi Stotra नवरात्रि के पहले दिन ऐसे करें हिमालय पुत्री देवी शैलपुत्री स्तोत्र

Shailputri Devi Stotra नवरात्रि के पहले दिन ऐसे करें हिमालय पुत्री देवी शैलपुत्री स्तोत्र : मां दुर्गा अपने प्रथम स्वरूप में शैलपुत्री के रूप में जानी जाती हैं। पर्वतराज हिमालय के यहां जन्म लेने से भगवती को शैलपुत्री कहा गया। भगवती का वाहन वृषभ है, उनके दाहिने हाथ में त्रिशूल और बाएं हाथ में कमल का पुष्प है। इस स्वरूप का पूजन आज के दिन किया जाएगा।

किसी एकांत स्थान पर मृत्तिका से वेदी बनाकर उसमें जौ, गेहूं बोएं और उस पर कलश स्थापित करें। कलश पर मूर्ति स्थापित करें। कलश के पीछे स्वास्तिक और उसके युग्म पा‌र्श्व में त्रिशूल बनाएं। हमारे द्वारा बताये जा रहे Shailputri Devi Stotra का पाठ अपने दैनिक पूजा में या नवरात्रि के दिन करने से अपनी मनचाही कामना बड़ी आसानी से पूरी कर सकते हैं।

Shailputri Devi Stotra नवरात्रि के पहले दिन ऐसे करें हिमालय पुत्री देवी शैलपुत्री स्तोत्र

माँ शैलपुत्री देवी स्तोत्रम्

!! ध्यान !!

वंदे वांच्छितलाभायाचंद्रार्धकृतशेखराम्।

वृषारूढांशूलधरांशैलपुत्रीयशस्विनीम्॥

पूणेंदुनिभांगौरी मूलाधार स्थितांप्रथम दुर्गा त्रिनेत्रा।

पटांबरपरिधानांरत्नकिरीटांनानालंकारभूषिता॥

प्रफुल्ल वदनांपल्लवाधरांकांतकपोलांतुंग कुचाम्।

कमनीयांलावण्यांस्मेरमुखीक्षीणमध्यांनितंबनीम्॥

!! स्तोत्र !!

प्रथम दुर्गा त्वहिभवसागर तारणीम्।

धन ऐश्वर्य दायिनी शैलपुत्रीप्रणमाभ्यहम्॥

त्रिलोकजननींत्वंहिपरमानंद प्रदीयनाम्।

सौभाग्यारोग्यदायनीशैलपुत्रीप्रणमाभ्यहम्॥

चराचरेश्वरीत्वंहिमहामोह विनाशिन।

भुक्ति, मुक्ति दायनी,शैलपुत्रीप्रणमाभ्यहम्॥

चराचरेश्वरीत्वंहिमहामोह विनाशिन।

भुक्ति, मुक्ति दायिनी शैलपुत्रीप्रणमाभ्यहम् ॥

माँ शैलपुत्री देवी स्तोत्र के लाभ

विशेष : शैलपुत्री के पूजन से मूलाधार चक्र जागृत होता है, जिससे अनेक प्रकार की उपलब्धियां प्राप्त होती हैं !

संदर्भ: इस Shailputri Devi Stotra नवरात्रि के पहले दिन ऐसे करें हिमालय पुत्री देवी शैलपुत्री स्तोत्र की पोस्ट में आपको मां शैलपुत्री देवी स्तोत्र को बताया गया, जिसका पाठ आप माँ शैलपुत्री पूजा अर्चना के समय कर सकते हैं।

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