1 Mukhi Rudraksha Dharan Vidhi एक मुखी रुद्राक्ष को कैसे धारण करें, जानें इसकी पूरी विधि : हम यंहा आपको इस पोस्ट के माध्यम से एक मुखी रुद्राक्ष पहने के बारे में बताने जा रहे हैं । हमारे द्वारा यहां आपको एक मुखी रुद्राक्ष कब धारण करें और धारण करने से पहले क्या करें और क्या ना करें आदि की जानकारी बताने जा रहे हैं। साथ में हम आपको एक मुखी रुद्राक्ष को पहनते समय किस मंत्र का जाप करें इसके बारे में भी जानकारी प्रदान करेंगे। हमारे द्वारा बताई जा रही 1 Mukhi Rudraksha Dharan Vidhi को ध्यान से पढ़कर आपको ये सारी महत्वपूर्ण बातें के बारे में जान सकते हैं।
एक मुखी रुद्राक्ष को कैसे धारण करें, जानें इसकी पूरी विधि
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एक मुखी रुद्राक्ष के प्रकार
यह तो आप सब जानते हो की रुद्राक्ष की उत्पत्ति रूद्र देव के आंसुओं से हुई है । 1 Mukhi Rudraksha सबसे उत्तम आंवले के आकार का होता है । और छोटे बेर के आकार वाले रुद्राक्ष कों मध्य श्रेणी में आते हैं । मोती के दाने के समान छोटे आकार वाले रुद्राक्ष को निम्न श्रेणी का माना जाता है । दुनिया के सबसे उत्तम रुद्राक्ष नेपाल में पाए जाते हैं । और रुद्राक्ष भारत, मलेशिया व् इंडोनेशिया में भी पाए जाते हैं ।
एक मुखी रुद्राक्ष 1 Mukhi Rudraksha दो प्रकार के होते हैं । एक तो काजू के समान लम्बे रुद्राक्ष और दूसरा आकार गोल होता है । एक मुखी रुद्राक्ष का चार रंग के होते हैं, हल्का सफ़ेद, पीला, लाल और काला । कहा जाता है की हल्का सफ़ेद रुद्राक्ष ब्राह्मणों, पीला रुद्राक्ष क्षत्रियों, लाल रुद्राक्ष वैश्यों एवं काला रुद्राक्ष शुद्रों को धारण करना चाहिए । वैसे लाल रुद्राक्ष सभी वर्णों के लिए श्रेष्ठ है, यह 1 Mukhi Rudraksha भगवान शिव को भी अति प्रिय है ।
एक मुखी रुद्राक्ष को कैसे पहनने
प्रत्येक रुद्राक्ष या रुद्राक्ष की माला को बिना सिद्ध किये 1 Mukhi Rudraksha Dharan करने से वह पूर्ण फल प्राप्ति नही दे पाता हैं। इसलिए हमें प्रत्येक रुद्राक्ष या रुद्राक्ष की माला सिद्ध करके या किसी योग्य ब्रहामण सिद्ध करवाकर ही धारण करना चाहिए। 1 Mukhi Rudraksha की माला या एक मुखी रुद्राक्ष, जो भी आप धारण करना चाहते हैं, उसें शुक्ल पक्ष के किसी भी भी सोमवार के दिन धारण कर सकते हैं ।
सर्वप्रथम रुद्राक्ष को गौमूत्र, दही, शहद, कच्चे दूध और गंगाजल से स्नान करके शुद्ध करना चाहिए । यह सब क्रिया करते हुए भगवान शिव जी पंचाक्षर मंत्र “ॐ नमः शिवाय” का जाप करना चाहिए । शुद्ध करके इस चंदन, बिल्वपत्र, लालपुष्प अर्पित करें तथा धूप, दीप दिखाकर दिए गये नीचे मन्त्रों में से कोई एक सवा लाख जाप करके एक मुखी रुद्राक्ष सिद्ध कर ले । उसके बाद रुद्राक्ष को शिवलिंग से स्पर्श कराकर पूर्व या उत्तर की ओर मुख करके मंत्र जाप करते हुए 1 Mukhi Rudraksha Dharan करें ।
एक मुखी रुद्राक्ष धारण करने का मंत्र
विनियोग –
ॐ अस्य श्रीं शिव मन्त्रस्य प्रसाद ऋषि: पंक्ति छन्द: शिवों देवता हंकारो बीजम् औं शक्ति: मम चतुर्वर्गसिदयर्थे रुद्राक्षधारणार्थे जपे विनियोग: ।
ध्यानम् –
मुक्तापीनपयोदमौक्तिकजपार्णैर्मुखै: पंचभि: ।
स्त्र्यक्षै राजितमीशमिन्दुमुकुटं पूर्णेन्दुकोटिप्रभम् ॥
शूलंटंककृपाणवज्र दहनान्नागेन्द्रघंटाशुकं ।
हस्ताजेष्वभयं वरांश्चदधतं तेजोज्ज्वलं चिन्तये ॥
एक मुखी रुद्राक्ष धारण मंत्र
॥ ॐ ऐं ह्रं औं ऐं ॐ ॥ ॥ Om Aim Hrm Oum Aim Om ॥
॥ ॐ नमः ह्रीम ॥
॥ ॐ नमः शिवाय ॥
संदर्भ: इस 1 Mukhi Rudraksha Dharan Vidhi एक मुखी रुद्राक्ष को कैसे धारण करें, जानें इसकी पूरी विधि की पोस्ट को पढ़कर आप एक मुखी रूद्राक्ष को विधिवत् रूप से धारण कर सकते हैं।