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Shodashi Tripura Sundari Sadhana Vidhi महाविद्या माँ षोडशी त्रिपुर सुन्दरी देवी साधना कैसे करें

Shodashi Tripura Sundari Sadhana Vidhi महाविद्या माँ षोडशी त्रिपुर सुन्दरी देवी साधना कैसे करें : आज हम आपको माँ षोडशी त्रिपुर सुन्दरी देवी साधना विधि के बारे में बताने जा रहे हैं ! यह तो आप सब जानते है की दस महाविद्याओं में तीसरे स्थान की Shodashi Tripura Sundari Sadhana मानी जाती हैं ! इस साधना को करने से के बाद साधक के जीवन में बहुत ही समस्याओं का स्वयं ही निवारण हो जाता हैं !! हमारे द्वारा बताये जा रहे Shodashi Tripura Sundari Sadhana Vidhi को जानकर आप भी बहुत आसान विशी से महाविद्या षोडशी त्रिपुर सुन्दरी साधना पूरी कर सकते हैं।

Shodashi Tripura Sundari Sadhana Vidhi महाविद्या माँ षोडशी त्रिपुर सुन्दरी देवी साधना कैसे करें

माँ षोडशी त्रिपुर सुन्दरी साधना कब करें

महाविद्या षोडशी त्रिपुर सुन्दरी साधना पूर्ण सिद्धिदायक साधना है ! महाविद्या Shodashi Tripura Sundari Sadhana को करने के लिए साधक की समस्त सामग्री में विशेष रूप से सिद्धि युक्त होनी चाहिये ! यदि ऐसा नही हुई तो आप यह साधन नही कर सकोंगे ! महाविद्या षोडशी त्रिपुर सुन्दरी साधना के साधक को सिद्ध प्राण प्रतिष्ठित “त्रिपुर सुन्दरी महायंत्र”, “षोडशी माला”, “कल्पवृक्ष गुटिका” ये तीन चीजें होनी चाहिये ! 

महाविद्या षोडशी त्रिपुर सुन्दरी साधना आप नवरात्रि या संक्रान्ति ( प्रति मास जब सूर्य एक संक्रान्ति से दूसरी संक्रान्ति में परिवर्तित होता है ) या अमावस्या या तिथि ( किसी भी मास की अष्टमी, पूर्णिमा और नवमी तिथि ) यदि साधक इन सब दिवस में भी Shodashi Tripura Sundari Sadhana नही कर सकता हैं तो किसी भी शुक्ल पक्ष के शुक्रवार के दिन कर सकता हैं ! महाविद्या षोडशी त्रिपुर सुन्दरी साधना का समय सुबह 4 से 5 बजे के बीच या रात्रि सवा दस बजे के समय के बाद कर सकते हैं ! 

माँ षोडशी त्रिपुर सुन्दरी साधना पूजा विधि

महाविद्या षोडशी त्रिपुर सुन्दरी साधना वाले साधक को स्नान करके शुद्ध लाल वस्त्र धारण करके अपने घर में किसी एकान्त स्थान या पूजा कक्ष में पश्चिम दिशा की तरफ़ मुख करके लाल ऊनी आसन बैठ जाए ! उसके बाद अपने सामने चौकी रखकर उस पर लाल रंग का कपड़ा बिछाकर उस पर रोली से षटकोण बनाये उस पर एक कमल पुष्प रखें ! उसके बाद सिद्ध प्राण प्रतिष्ठा युक्त “षोडशी त्रिपुर सुन्दरी महायंत्र” को स्थापित करें !

उसके बाद यंत्र के बीच कल्पवृक्ष गुटिका स्थापित करें ! यंत्र के चारों ओर 16 छोटी-छोटी चावल की ढेरियां बनाकर उस पर लौंग स्थापित करें, जो सोलह कला स्वरूप माना हैं ! उसके बाद यंत्र के सामने शुद्ध घी के तेल का दीपक जलाये और मन्त्र विधान अनुसार संकल्प आदि कर सीधे हाथ में जल लेकर विनियोग करे :

ॐ अस्य श्री महा त्रिपुरसुन्दरी महामन्त्रस्य दक्षिणा मूर्तिऋषि: पन्क्तिश्छन्द: श्रीमहात्रिपुरसुन्दरी देवता ऐं बीजं सौं: शक्ति: क्लीं कीलकं ममाभीष्टसिद्धयर्थे जपे विनियोग:।

ऋष्यादि न्यास : बाएँ हाथ में जल लेकर दाहिने हाथ की समूहबद्ध, पांचों उंगलियों से नीचे दिए गये निम्न मंत्रो का उच्चारण करते हुए अपने भिन्न भिन्न अंगों को स्पर्श करते हुए ऐसी भावना मन में रखें कि वे सभी अंग तेजस्वी और पवित्र होते जा रहे हैं ! ऐसा करने से आपके अंग शक्तिशाली बनेंगे और आपमें चेतना प्राप्त होती है ! Shodashi Tripura Sundari Sadhana मंत्र :

दक्षिणामूर्तिऋषये नम: शिरसि ( सर को स्पर्श करें )

पंक्तिश्छ्न्दे नम: मुखे ( मुख को स्पर्श करें )

श्रीमहात्रिपुरसुन्दर्ये नम: ह्रदये ( ह्रदय को स्पर्श करें )

ऐं बीजाय नम: गुहे ( गुप्तांग को स्पर्श करें )

सौं: शक्तये नम: पादयो ( दोनों पैरों को स्पर्श करें )

क्रीं कीलकाय नम: नाभौ ( नाभि को स्पर्श करें )

विनियोगाय नम: सर्वांगे ( पूरे शरीर को स्पर्श करें )

कर न्यास : अपने दोनों हाथों के अंगूठे से अपने हाथ की विभिन्न उंगलियों को स्पर्श करें, ऐसा करने से उंगलियों में चेतना प्राप्त होती है ।

ह्रीं श्रीं अं अंगुष्ठाभ्यां नम: ।

ह्रीं श्रीं आं तर्जनीभ्यां नम: ।

ह्रीं श्रीं सौ: मध्यमाभ्यां नम: ।

ह्रीं श्रीं अं अनामिकाभ्यां नम: ।

ह्रीं श्रीं आं कनिष्ठिकाभ्यां नम: ।

ह्रीं श्रीं सौ: करतलकरपृष्ठाभ्यां नम: ।

ह्र्दयादि न्यास :  पुन: बाएँ हाथ में जल लेकर दाहिने हाथ की समूहबद्ध, पांचों उंगलियों से नीचे दिए गये निम्न मंत्रों के साथ शरीर के विभिन्न अंगों को स्पर्श करते हुए ऐसी भावना मन में रखें कि वे सभी अंग तेजस्वी और पवित्र होते जा रहे हैं ! ऐसा करने से आपके अंग शक्तिशाली बनेंगे और आपमें चेतना प्राप्त होती है ! Shodashi Tripura Sundari Sadhana मंत्र :

ह्रीं श्रीं अं ह्रदयाय नम: ( ह्रदय को स्पर्श करें )

ह्रीं श्रीं आं शिरसे स्वाहा ( सर को स्पर्श करें )

ह्रीं श्रीं आं सौ: शिखायै वषट् ( शिखा को स्पर्श करें )

ह्रीं श्रीं अं कवचाय हुम् ( दोनों कंधों को स्पर्श करें )

ह्रीं श्रीं आं नेत्रत्रयाय वौषट् ( दोनों नेत्रों को स्पर्श करें )

ह्रीं श्रीं सौ: अस्त्राय फट् ( अपने सर के ऊपर हाथ घुमाकर चारों दिशाओं में चुटकी बजाएं )

ध्यान : इसके बाद दोनों हाथ जोड़कर माँ भगवती षोडशी का ध्यान करें, ध्यान के बाद षोडशी देवी के सोलह स्वरूपों पर सोलह नाम उच्चारण कर एक-एक कमल पुष्प की पंखुड़ी चढ़ाये : 

ज्ञान, क्रिया, कामिनी, कामदायिनी, रति, रीतिप्रिया, नन्दा, मनोमालिनी, इच्छा, सुभगा, भगा, भगसर्पिणी, भागमाल्या, अनंग नगाया, अनंग मेखला और अनंग मदना षोडशी, इस तरह माँ का पूजन करे धुप, दीप, चावल, पुष्प से तदनन्तर Shodashi Tripura Sundari Sadhana मन्त्र का जाप करें !

बालार्कायुततैजसं त्रिनयनां रक्ताम्बरोल्लासिनीं ।

नानालंगकृतिराजमानवपुषं बालेन्दुयुकशेखराम् ।।

हस्तैरिक्षुधनु: स्रणिं सुमशरं पाशं मुदा बिभ्रतीं ।

श्रीचक्रस्थित सुन्दरीं त्रिजगतामाधारभूतां भजे ।।

ऊपर दिया गया पूजन सम्पन्न करके सिद्ध प्राण प्रतिष्ठित “षोडशी माला” की माला से नीचे दिए गये मंत्र की 23 माला 11 दिनों तक जप करें ! और मंत्र उच्चारण करने के बाद षोडशी कवच का पाठ करें !

माँ षोडशी त्रिपुर सुन्दरी साधना सिद्धि मन्त्र || Maa Shodashi Tripura Sundari Sadhana Siddhi Mantra

।। ह्रीं क ए ई ल ह्रीं ह स क ह ल ह्रीं स क ल ह्रीं ।।

या

।। श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं सौं: ॐ ह्रीं श्रीं कएईल ह्रीं सकल ह्रीं सौं: ऐं क्लीं ह्रीं श्रीं ।।

या

।। श्रीं क्लीं ह्रीं ऐं क्लीं सौं ह्रीं क्लीं श्रीं ।।

मंत्र उच्चारण करने के षोडशी कवच पढ़ें. दी गई यह महाविद्या Shodashi Tripura Sundari Sadhana ग्यारह दिनों की साधना है ! Shodashi Tripura Sundari Sadhana करते समय साधक पूर्ण आस्था के साथ नियमों का पालन जरुर करें ! और नित्य जाप करने से पहले ऊपर दी गई संक्षिप्त पूजन विधि जरुर करें ! साधक Shodashi Tripura Sundari Sadhana करने की जानकारी गुप्त रखें ! ग्यारह दिनों के बाद मन्त्रों का जाप करने के बाद दिए गये मन्त्र जिसका आपने जाप किया हैं उस मन्त्र का दशांश ( 10% भाग ) हवन अवश्य करें ! हवन में कमल गट्टे, शुद्ध घी व् हवन सामग्री को मिलाकर आहुति दें !

हवन के बाद षोडशी यंत्र को अपने घर के मंदिर या तिजोरी में लाल वस्त्र से बांधकर रख दें और बाकि बची हुई पूजा सामग्री को नदी या किसी पीपल के नीचे विसर्जन कर आयें ! ऐसा करने से साधक की Shodashi Tripura Sundari Sadhana पूर्ण हो जाती हैं ! और साधक के ऊपर माँ षोडशी त्रिपुर सुन्दरी देवी की कृपा सदैव बनी रही हैं ! Shodashi Tripura Sundari Sadhana करने से साधक के जीवन में दरिद्रता समाप्त ओ जाती हैं ! साधक की सब इच्छाएं पूर्ण हो जाती हैं ! उसके सब पाप नष्ट हो जाते हैं !

संदर्भ: इस Shodashi Tripura Sundari Sadhana Vidhi महाविद्या माँ षोडशी त्रिपुर सुन्दरी देवी साधना कैसे करें की पोस्ट में आपको माँ षोडशी त्रिपुर सुन्दरी देवी कब करें, साधना मन्त्र एव इस साधना को करने के क्या लाभ प्राप्त होते हैं जातक को आदि के बारे में विस्तारपुर्वक बताया गया हैं।

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